कुछ मानसिक दवाएं आंखों के दबाव (आईओपी) को बढ़ा सकती हैं, जिससे ग्लूकोमा (काला मोतिया) विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। यदि आंखों का दबाव सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है, तो दृष्टि की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और दृष्टि हानि हो सकती है। इसलिए, इन दवाओं के सेवन के दौरान सतर्क रहना आवश्यक है।
1. मानसिक दवाएं आंखों के दबाव को कैसे बढ़ाती हैं?
मानसिक दवाओं के कारण आंखों के दबाव में वृद्धि दो मुख्य कारणों से हो सकती है:
- नेत्र जल (एक्वियस ह्यूमर) के निकास में बाधा: जब आंखों में जल का निकास सामान्य रूप से नहीं हो पाता, तो यह एकत्रित होकर दबाव बढ़ा सकता है।
- पुतली का फैलाव (डाइलेशन): कुछ दवाएं पुतली को बड़ा कर सकती हैं, जिससे नेत्र जल के बहाव का मार्ग अवरुद्ध हो सकता है और दबाव बढ़ सकता है।
2. कौन-कौन सी मानसिक दवाएं आंखों के दबाव को बढ़ा सकती हैं?
1) एंटीडिप्रेसेंट (अवसादरोधी दवाएं) और आंखों का दबाव
- ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स (TCAs)
- प्रमुख दवाएं: एमिट्रिप्टाइलिन (Amitriptyline), नॉरट्रिप्टाइलिन (Nortriptyline)
- दबाव बढ़ाने का कारण: पुतली फैलाव → नेत्र जल का निकास कम → दबाव में वृद्धि
- ग्लूकोमा के रोगियों को इन दवाओं के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।
- सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स (SSRIs)
- प्रमुख दवाएं: फ्लूऑक्सेटीन (Fluoxetine), सर्ट्रालिन (Sertraline), पैरॉक्सेटीन (Paroxetine)
- कुछ शोध बताते हैं कि ये दवाएं नेत्र जल के बहाव को बाधित कर सकती हैं, जिससे दबाव बढ़ सकता है।
2) एंटी-एंग्जायटी (घबराहट कम करने वाली दवाएं) और आंखों का दबाव
- बेंज़ोडायजेपाइन वर्ग की दवाएं
- प्रमुख दवाएं: अल्प्राज़ोलम (Alprazolam), क्लोनाज़ेपाम (Clonazepam), लोराज़ेपाम (Lorazepam)
- दबाव बढ़ाने का कारण: आंखों की समायोजन क्षमता में कमी के कारण नेत्र जल के निकास में समस्या
- कुछ मामलों में अस्थायी दृष्टि धुंधलापन और दबाव में वृद्धि देखी गई है।
3) एंटीसाइकोटिक (मनोविकृति विरोधी दवाएं) और आंखों का दबाव
- प्रमुख दवाएं: एरिपिप्राज़ोल (Aripiprazole), ओलान्ज़ापिन (Olanzapine), क्लोज़ापिन (Clozapine)
- दबाव बढ़ाने का कारण: पुतली फैलाव से नेत्र जल के निकास में बाधा
- लंबे समय तक इन दवाओं के सेवन से ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है।
3. आंखों के दबाव बढ़ने के लक्षण
यदि मानसिक दवाएं लेने के बाद निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं, तो तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए:
✅ दृष्टि धुंधली होना ✅ आंखों में दबाव और भारीपन महसूस होना ✅ रोशनी के चारों ओर इंद्रधनुषी आभा (हेलो) दिखना ✅ सिरदर्द और आंखों में दर्द ✅ आंखों में लालिमा
4. निष्कर्ष
कुछ मानसिक दवाएं आंखों के दबाव को बढ़ा सकती हैं और ग्लूकोमा जैसी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। यदि इन दवाओं के सेवन के बाद आंखों में असुविधा महसूस हो रही है, तो चिकित्सक से परामर्श लेकर दवा की समीक्षा कराना आवश्यक है। इसके अलावा, नियमित रूप से नेत्र जांच करवाना और आंखों के दबाव की निगरानी करना बेहद महत्वपूर्ण है।