संयुक्त नाम पर लीज लेना: उपहार कर के जोखिम और समाधान

संयुक्त नाम पर लीज और उपहार कर के मुद्दे

संयुक्त नाम पर लीज और उपहार कर के मुद्दे

क्या आप संयुक्त नाम से लीज लेने पर उपहार कर को लेकर चिंतित हैं? इस लेख में, हम यह जानेंगे कि संयुक्त नाम पर लीज लेने से कौन-कौन से कर जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं और उनसे कैसे प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है।

संयुक्त नाम से लीज लेने पर उपहार का मुद्दा

अगर आप और आपके जीवनसाथी ने लीज को संयुक्त नाम पर लिया है, तो असल में धन का स्रोत कौन है, यह अधिक महत्वपूर्ण होता है। अगर पति ने 7.5 करोड़ रुपये का पूरा लीज सुरक्षा राशि दी है और पत्नी ने इसमें कोई योगदान नहीं दिया है, तो पत्नी के हिस्से को उपहार माना जा सकता है।

वास्तविक धन का स्रोत महत्वपूर्ण

कर कानून ‘रूप’ से अधिक ‘वास्तविकता’ को महत्व देता है। अगर पत्नी का नाम अनुबंध में शामिल है, लेकिन उसने लीज सुरक्षा राशि में कोई योगदान नहीं दिया है, तो उसके हिस्से को आर्थिक मूल्य का हस्तांतरण समझा जा सकता है। इस स्थिति में, पत्नी का हिस्सा उपहार कर के तहत आ सकता है।

पति-पत्नी के बीच भी उपहार कर लागू

पति-पत्नी के बीच भी उपहार कर लागू होता है। हालांकि, 10 साल में 6 करोड़ रुपये तक की राशि पर कर नहीं लगता। अगर राशि बड़ी है या बार-बार संपत्ति का हस्तांतरण होता है, तो कर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासकर अगर आप एक से अधिक घर रखते हैं, तो अनपेक्षित समस्याएं हो सकती हैं।

लीज सुरक्षा राशि की वापसी में सावधानी

अगर अनुबंध समाप्ति के बाद पूरी लीज सुरक्षा राशि पति के खाते में वापस आती है, तो भी उपहार का मुद्दा समाप्त नहीं होता। कर विभाग अनुबंध के समय के धन प्रवाह को आधार मानता है। अगर संयुक्त नाम का अनुबंध वास्तविकता को नहीं दर्शाता, तो बाद में वापसी किसको हुई, इससे फर्क नहीं पड़ता और उपहार कर की जांच के दायरे में आ सकता है।

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम बचाने का प्रयास?

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का आकलन करते समय संपत्ति और आय के आधार पर प्रीमियम का निर्धारण होता है। अगर आप लीज सुरक्षा राशि को विभाजित करके नाम को विभाजित करते हैं, तो प्रीमियम कम हो सकता है। लेकिन स्वास्थ्य बीमा बोर्ड और कर विभाग जानकारी साझा करते हैं, इसलिए केवल नाम के विभाजन से प्रीमियम कम करने का प्रयास बाद में जुर्माने के रूप में बदल सकता है।

सुरक्षित रूप से संयुक्त नाम से लीज कैसे लें?

अगर आप वास्तव में संयुक्त नाम से लीज लेना चाहते हैं, तो वास्तविक धन का भी संयुक्त रूप से योगदान करें। उदाहरण के लिए, अगर पति-पत्नी दोनों ने 3.75 करोड़ रुपये का योगदान किया है, तो संयुक्त नाम से लीज लेने में कोई समस्या नहीं होगी। या फिर पति ने पूरा योगदान किया है, तो नाम केवल उन्हीं का होना चाहिए और बाद में उपहार की घोषणा करनी चाहिए।

निष्कर्ष

अगर पत्नी ने बिना किसी योगदान के संयुक्त नाम से लीज लिया है, तो कर विभाग इसे उपहार मान सकता है और उपहार कर लागू कर सकता है। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम बचाने का प्रयास भी भविष्य में समस्या उत्पन्न कर सकता है। अतः नाम और धन प्रवाह का मिलान सुनिश्चित करें।

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