विदेश में रहने वाले सह-मालिकों के लिए संपत्ति ऋण लेना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, खासकर जब इनकम प्रमाण पत्र या पावर ऑफ अटॉर्नी की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में कुछ प्रमुख उपाय और सावधानियाँ ध्यान में रखनी

विदेश में रहने वाले सह-मालिकों के लिए संपत्ति ऋण की चुनौती

विदेश में रहने वाले सह-मालिकों के लिए इनकम प्रमाण पत्र के बिना संपत्ति ऋण प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। जब किरायेदार को ऋण लेने के लिए इनकम प्रमाण पत्र या पावर ऑफ अटॉर्नी की आवश्यकता होती है, और सह-मालिक विदेश में हो, तो दस्तावेज़ प्राप्त करना कठिन हो सकता है। इस लेख में, हम इस स्थिति में समाधान कैसे प्राप्त करें, इस पर चर्चा करेंगे।

इनकम प्रमाण पत्र के बिना विदेश से प्राप्त होने वाले दस्तावेज़

जब कोई सह-मालिक विदेश में रहता है, तो इनकम प्रमाण पत्र के स्थान पर कौन से आधिकारिक दस्तावेज़ प्राप्त किए जा सकते हैं? सबसे सामान्य उपाय है कि स्थानीय भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास से ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ की पुष्टि कराना। यह दस्तावेज़ भारत में इनकम प्रमाण पत्र के बराबर मान्यता प्राप्त करता है और इसे ऋण संस्थानों या संपत्ति लेन-देन में उपयोग किया जा सकता है।

दूतावास की पुष्टि का महत्व

भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास में भारतीय नागरिकों के लिए कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और उनकी पुष्टि करने की सेवा उपलब्ध होती है। इसके माध्यम से पावर ऑफ अटॉर्नी या सहमति पत्र तैयार किया जा सकता है और दूतावास में इसकी पुष्टि प्राप्त की जा सकती है। यह दस्तावेज़ भारत में कानूनी मान्यता प्राप्त करता है और इनकम प्रमाण पत्र के स्थान पर प्रस्तुत किया जा सकता है।

दस्तावेज़ की जमा और वितरण प्रक्रिया

दूतावास से प्राप्त दस्तावेज़ को अंतरराष्ट्रीय डाक या विशेष कूरियर सेवा के माध्यम से भारत में भेजा जा सकता है। आमतौर पर, DHL, EMS, या FedEx जैसी सेवाओं का उपयोग किया जाता है और यह दस्तावेज़ 2 से 4 दिनों के भीतर पहुंच सकते हैं। भारत में पहुंचने के बाद, इन दस्तावेज़ों को संपत्ति अनुबंध और ऋण आवेदन पत्र के साथ जमा किया जा सकता है।

वीडियो नोटरीकरण का विकल्प न होने पर समाधान

कई लोग वीडियो नोटरीकरण के बारे में सोचते हैं, लेकिन यह तरीका केवल उन्हीं लोगों के लिए है जो भारतीय मोबाइल प्रमाणन कर सकते हैं। अगर सह-मालिक के पास भारतीय सिम नहीं है, तो यह संभव नहीं है। इस स्थिति में क्या उपाय किया जा सकता है?

स्थानीय नोटरी और अपॉस्टिल

यदि भारतीय दूतावास जाना संभव नहीं है, तो स्थानीय नोटरी पब्लिक से पावर ऑफ अटॉर्नी या सहमति पत्र लेकर उसकी नोटरी कराई जा सकती है। इसके बाद ‘अपॉस्टिल’ प्रमाणन प्राप्त करना होगा, जिससे दस्तावेज़ की वैधता भारत में भी स्वीकार की जा सके। अपॉस्टिल संबंधित देश के विदेश मंत्रालय या न्याय मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है और यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है, इसलिए इसे समय रहते पूरा करना आवश्यक है।

अनौपचारिक विकल्प और सावधानियाँ

कुछ बैंकों में सह-मालिक के बिना भी ऋण स्वीकृत करने की व्यवस्था हो सकती है, लेकिन यह बैंक की नीति और अधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है। इसलिए, सह-मालिक की अनुपस्थिति में बैंक के साथ पूरी तरह चर्चा करें और आवश्यक दस्तावेजों की पुष्टि प्राप्त करें।

त्वरित और व्यावहारिक समाधान

तो, इस परिस्थिति में सबसे तेज और कानूनी रूप से सुरक्षित उपाय क्या है? सबसे पहले दूतावास से पावर ऑफ अटॉर्नी की पुष्टि प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। यह बिना अपॉस्टिल के भी मान्य होता है और दस्तावेज़ की तैयारी में मदद करता है।

विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता

यदि आवश्यक हो, तो विदेश में कानूनी सलाहकार या सेवा प्रदाता की मदद लें। कुछ देशों में भारतीय वकील या नोटरी सेवाएँ उपलब्ध होती हैं जो दस्तावेज़ तैयार करने में मदद कर सकती हैं। एक विश्वसनीय सेवा प्रदाता का चयन करें और लागत व समय की जानकारी प्राप्त करें।

अंतिम सलाह और सावधानियाँ

सह-मालिक के विदेश में रहने के कारण संपत्ति ऋण की प्रक्रिया में उत्पन्न समस्याएँ आम हैं। इन समस्याओं का समाधान प्राप्त करने के लिए पर्याप्त तैयारी और प्रक्रिया की सटीक जानकारी महत्वपूर्ण होती है। दस्तावेज़ की तैयारी और अंतरराष्ट्रीय डाक के समय को ध्यान में रखते हुए समय पर योजना बनाएं।

अगर दूतावास के पावर ऑफ अटॉर्नी फॉर्म या दूतावास पुष्टि फॉर्म की आवश्यकता हो, तो कृपया टिप्पणी में बताएं। हम आपको देश के अनुसार दूतावास लिंक भी उपलब्ध करा सकते हैं।

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