वर्षांत आय विवरणी के तहत पति/पत्नी की आय कर छूट क्या है?
वर्षांत आय विवरणी में पति/पत्नी की आय कर छूट का मतलब है कि यदि एक करदाता अपने पति या पत्नी की सहायता कर रहा है, तो वह अपने कर भार को कम कर सकता है। हालांकि, अगर पति या पत्नी की आय एक निश्चित सीमा से अधिक है, तो यह छूट उपलब्ध नहीं होती है।
पति/पत्नी की आय कर छूट के लिए आवश्यक शर्तें
इस छूट को प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए तीन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
- पति/पत्नी की वार्षिक कुल आय 1,00,000 रुपये से कम होनी चाहिए।
- पति/पत्नी का नाम एक ही परिवार रजिस्टर में होना चाहिए और दोनों को एक साथ रहना चाहिए।
- आपका वैधानिक रूप से विवाहित होना आवश्यक है।
आय की गणना कैसे करें?
वर्षांत आय विवरणी में कुल आय के बजाय ‘कुल सकल आय’ को ध्यान में रखा जाता है। यह आय, खर्चों या छूटों को घटाकर प्राप्त की जाती है।
केवल वेतन आय होने पर
यदि पति/पत्नी के पास केवल वेतन आय है, तो आय कर छूट लागू होती है। उदाहरण के लिए, यदि पति/पत्नी की कुल आय 5,00,000 रुपये है, तो आय कर छूट के बाद आय 1,90,000 रुपये होगी, जो 1,00,000 रुपये से अधिक है, इसलिए छूट नहीं मिलेगी।
अन्य आय होने पर
यदि पति/पत्नी के पास फ्रीलांसिंग या अन्य स्रोतों से भी आय है, तो यह अलग-अलग आय के रूप में गिना जाएगा। ऐसे मामलों में, आय कर विवरणी के आधार पर गणना करना सबसे सही होता है।
वर्षांत आय विवरणी में आय कर छूट का लाभ
पति/पत्नी की आय कर छूट के अंतर्गत 1,50,000 रुपये की छूट मिलती है, जो कराधान योग्य आय से घटाई जाती है और इससे 10,000 से 25,000 रुपये की कर बचत होती है।
क्या आय कर छूट छोड़ देनी चाहिए?
यदि पति/पत्नी की आय 4,80,000 रुपये है, तो आपको छूट नहीं मिलेगी और 15,000 रुपये का अतिरिक्त कर हो सकता है, लेकिन इससे परिवार को 4,80,000 रुपये की आय मिलेगी। इसलिए, सिर्फ छूट के आधार पर निर्णय लेना सही नहीं होगा।
निष्कर्ष
वर्षांत आय विवरणी में पति/पत्नी की आय कर छूट के लिए 1,00,000 रुपये की सीमा नहीं, बल्कि कुल आय की गणना महत्वपूर्ण है। सही निर्णय के लिए आपकी आय और छूट के बाद कराधान योग्य आय का सही आकलन करना आवश्यक है।