लीवर सिरोसिस के मुख्य कारण
लीवर सिरोसिस एक गंभीर बीमारी है जो धीरे-धीरे विकसित होती है। इसके प्रमुख कारणों में लंबे समय तक शराब का सेवन, हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण, और कुछ दवाओं का दुरुपयोग शामिल है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (2020) के अनुसार, इन कारणों के कारण लीवर में सूजन और फाइब्रोसिस होती है, जो अंततः सिरोसिस का कारण बनती है।
मादक द्रव्यों और विषाक्त पदार्थों का प्रभाव
दुनिया भर में लीवर सिरोसिस के प्रमुख कारणों में से एक मादक द्रव्यों और विषाक्त पदार्थों का सेवन है। शराब का दीर्घकालिक सेवन लीवर को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। जर्मन लीवर फाउंडेशन (2022) के अनुसार, 20% से अधिक दीर्घकालिक शराब पीने वालों में लीवर सिरोसिस विकसित हो सकता है।
संक्रामक और चयापचय संबंधी बीमारियाँ
हेपेटाइटिस बी और सी जैसी संक्रामक बीमारियाँ भी लीवर सिरोसिस के महत्वपूर्ण कारण हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (2023) के अनुसार, इन वायरसों से संक्रमित हर चौथे व्यक्ति में लीवर सिरोसिस या हेपेटोसेल्युलर कार्सिनोमा विकसित हो सकता है।
लीवर सिरोसिस के लक्षण
लीवर सिरोसिस के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और अक्सर प्रारंभिक चरण में ध्यान नहीं दिए जाते। आम लक्षणों में थकान, त्वचा का पीला होना (पीलिया), वजन कम होना और पेट में सूजन शामिल हैं।
उपचार और रोकथाम
लीवर सिरोसिस का उपचार प्राथमिक रूप से इसके कारणों को रोकने और रोग के प्रगति को धीमा करने पर केंद्रित है। शराब का सेवन बंद करना, स्वस्थ आहार का पालन करना और नियमित चिकित्सा परीक्षण कराना आवश्यक है। लीवर ट्रांसप्लांट एक अंतिम उपाय हो सकता है यदि लीवर की क्षति अपरिवर्तनीय हो गई हो।
लीवर सिरोसिस की रोकथाम के उपाय
लीवर सिरोसिस से बचाव के लिए शराब का सेवन सीमित करें, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, और हेपेटाइटिस बी और सी के लिए समय-समय पर परीक्षण करवाएं। इसके अलावा, दवाओं का दुरुपयोग न करें और किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
निष्कर्ष
लीवर सिरोसिस एक गंभीर बीमारी है जो समय के साथ विकसित होती है और इसे रोकने के लिए जागरूकता और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक है। सही जीवनशैली और चिकित्सा देखभाल से इस बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है।